Sweetu Plz Hold This Always |
आज मौसम बहुत ख़ुशगवार था,
क्योंकि आज मेरे हाथों में उनका हाथ था।
चल रहे थे कदम से कदम मिलाकर यूं,,
जैसे आज का नहीं, जन्मों जन्मों का हमारा साथ था।।
लकीरें हाथों की मिली कुछ इस तरह से,
जैसे इन हाथों को उन्हीं का इंतजार था।
मंद मंद ठण्डी ठण्डी हवा बहने लगी,,
शायद आज खुदा भी हमारे साथ था।।
हरी भरी घास पर हम बैठे कुछ इस तरह से,
जैसे कुछ वक्त मांगा उसने हमारे साथ था।
पलकें झुकाकर मंद मंद मुस्कुरा रही थी वो,,
शायद इस मुस्कुराहट में भी कोई हसीन राज था।।
कांपते होठों से कहना चाहती थी कुछ वो,
जाने कैसे ये अनकहे लव्जों का मायाजाल था।
जब नज़र गई उसकी झील सी गहरी आंखों पे मेरी,,
तो मेरा पागल दिल उसमें डूब जाने को बेकरार था।।
होठ थे फूल की पंखुड़ियों की तरह उसके,
जैसे गुलाबों ने उसके अधरों पे सजाया इक ताज था।
उड़ती जुल्फें चेहरे पे गिरी कुछ इस तरह,,
जैसे तपती गर्मी में सावन के आने का आगाज था।।
टिप-टिप करती बारिश की बूंदे छू रही थी उसके बदन को,
जैसे सागर के मोतियों को भी उसके जिस्म पर सजने का नाज था।
भिगती हुई बारिश में भाग रही थी इधर-उधर,,
जैसे सावन में किसी मोर ने दिखाया खूबसूरत नाच था।।
देखकर उसकी इन चंचल अदाओं को,
मेरा पागल दिल भी बहक जाने को तैयार था।
हाथ थाम कर उसका ले चला मैं उसे उस पार,,
जहां सिर्फ प्यार की दुनिया का ही वास था।।
जहां सिर्फ प्यार की दुनिया का ही वास था।।।
Its Not Mine, I just Add Pic Bcz I Like It
No comments:
Post a Comment