भगवान, भगवान नहीं!
एक इंसान हैं जो महान हैं.
शक्ति, शक्ति नहीं!
भक्ति है जो अपार है.
जिंदगी, जिंदगी नहीं!
एक सफ़र है,
जिसका कोई हमसफ़र नहीं.
आत्मा, आत्मा नहीं!
एक अंश है परमात्मा का,
जो अमर है.
दुनिया और कुछ नहीं है!
बस हुजूम है लोगों का,
जो इक दिन शायद ख़त्म हो जाए.
प्रेम, प्रेम नहीं बल्कि एक आनंद है!
अगर इस आनंद को पाना है तो,
तुम्हें खुदा की बनाई हर एक चीज़ से प्रेम करना होगा.
सत्य, सत्य नहीं है!
एक आनंदमय कष्ट है,
जो बहुत बार कड़वाहट दे जाता है.
झूठ वो मीठा ज़हर है!
जो हमेशा बाद में असर करता है.
दोस्ती, सिर्फ दोस्ती ही नहीं!
ईश्वर का दिया नायब तोहफा है,
जिसमें स्वयं भगवान वास करते हैं.
सुन्दरता एक ऐसी बनावटी रचना है!
जो हमेशा साथ नहीं रहती.
प्यार, केवल प्यार नहीं जीवन का आधार है!
जिसके विद्यमान होने से ही दुनिया बसी है.
(गोविन्द सलोता)
First time i steeped in here....nice post
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